इरफान उर्फ पप्पू बाबा 2010 तक एक आम इंसान की तरह अपनी जिंदगी जी रहे थे. मगर इनके पिता के निधन के बाद इन्होंने अपने क्षेत्र के एक चुनाव में भाग लिया था, जिसमे इन्हें निराशा हाथ लगी थी. इसके बाद चुनौतियों से पार पाने के लिए एक लक्ष्य तय किया. लक्ष्य था एक ऐसे मकान का निर्माण, जो हर किसी के लिए अनोखा हो. (रिपोर्ट : शिवहरि दीक्षित)